Thursday, January 10, 2019

सोनिया गांधी क्या वाक़ई 'ब्रिटेन की महारानी से अमीर' हैं?

भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ता अश्विनी उपाध्याय ने सोमवार को 'टाइम्स ऑफ़ इंडिया' के एक पुराने आर्टिकल का लिंक शेयर किया था जिसे अब सोशल मीडिया पर तेज़ी से शेयर किया जा रहा है.

2013 में छपे इस आर्टिकल के अनुसार 'कांग्रेस की नेता सोनिया गांधी ब्रिटेन की महारानी एलिज़ाबेथ-II से भी अधिक अमीर हैं'.

इस आर्टिकल को ट्वीट करते हुए अश्विनी उपाध्याय ने लिखा, "कांग्रेस की एलिज़ाबेथ ब्रिटेन की महारानी से और कांग्रेस के सुल्तान ओमान के सुल्तान से भी अधिक अमीर हैं. भारत सरकार को जल्द से जल्द क़ानून बनाकर इनकी 100 फ़ीसद बेनामी संपत्ति को ज़ब्त कर लेना चाहिए और उम्रक़ैद की सज़ा देनी चाहिए."

अपने इस ट्वीट में अश्विनी उपाध्याय ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और प्रधानमंत्री के दफ़्तर (पीएमओ) के आधिकारिक हैंडल को भी टैग किया है. तीन हज़ार से अधिक लोग उनके इस ट्वीट को लाइक और री-ट्वीट कर चुके हैं.

दक्षिणपंथी रुझान रखने वाले फ़ेसबुक ग्रुप्स और पन्नों पर भी अब इस आर्टिकल को शेयर किया जा रहा है. यहाँ भी लोग कथित तौर पर सबसे अमीर भारतीय नेता सोनिया गांधी के ख़िलाफ़ कार्रवाई की माँग कर रहे हैं.

दिल्ली भाजपा के सोशल मीडिया और आईटी हेड पुनीत अग्रवाल ने भी टाइम्स ऑफ़ इंडिया के इस आर्टिकल को शेयर किया है और इसे एक चुनावी मुद्दा बनाने की कोशिश की है.

पुनीत अग्रवाल ने लिखा, "कितने न्यूज़ चैनल अब इस मुद्दे पर डिबेट करेंगे. सिवाए करप्शन के भला कांग्रेस की इतनी कमाई का क्या सोर्स हो सकता है?"

लेकिन बीबीसी ने इन सभी दावों को ग़लत पाया क्योंकि जिस रिपोर्ट के आधार पर 'टाइम्स ऑफ़ इंडिया' का ये आर्टिकल लिखा गया था, उस रिपोर्ट में बाद में तथ्यात्मक बदलाव किये गए थे और सोनिया गांधी का नाम लिस्ट से हटा दिया गया था.

आर्टिकल में कहा क्या गया?
2 दिसंबर 2013 को छपे टाइम्स ऑफ़ इंडिया के आर्टिकल में लिखा था:

हफ़िंग्टन पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार सोनिया गांधी दुनिया की 12वीं सबसे अमीर नेता हैं.
सोनिया गांधी के पास क़रीब 2 अरब अमरीकी डॉलर की संपत्ति है.
कहा जा सकता है कि उनके पास जितना पैसा है, उसके आधार पर वो ब्रिटेन की महारानी, ओमान के सुल्तान और सीरिया के राष्ट्रपति से भी अमीर हैं.
20 नेताओं की इस सूची में दुनिया के अन्य सबसे अमीर नेता मध्य-पूर्व से हैं.
और हफ़िंग्टन पोस्ट अपनी रिपोर्ट में कैसे इस निष्कर्ष पर पहुँचा, इसके बारे में कोई स्पष्ट जानकारी नहीं दी गई है.
बीजेपी प्रवक्ता अश्विनी उपाध्याय साल 2015 में भी इसी आर्टिकल को एक बार पहले शेयर कर चुके हैं.

हफ़िग्टन पोस्ट की उस रिपोर्ट के आधार पर ये ख़बर लिखने वाला टाइम्स अकेला संस्थान नहीं था.

2013 में ये रिपोर्ट सामने आने के बाद कई स्थानीय भारतीय मीडिया संस्थानों ने ये ख़बर छापी थी कि सोनिया गांधी का नाम दुनिया के सबसे अमीर नेताओं की श्रेणी में शामिल है.

सोशल मीडिया सर्च से पता चलता है कि 2014 के लोकसभा चुनाव से पहले भी इस आर्टिकल को काफ़ी शेयर किया गया था और इसके आधार पर लोगों ने सोनिया गांधी पर भ्रष्ट होने के आरोप लगाये थे.

हफ़िग्टन पोस्ट की रिपोर्ट में बदलाव
अपनी पड़ताल में हमने पाया कि 29 नवंबर 2013 को हफ़िग्टन पोस्ट ने सबसे अमीर नेताओं की एक लिस्ट छापी थी. इसके साथ नेताओं की तस्वीरें भी लगाई गई थीं.

तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी का नाम लिस्ट में 12वें स्थान पर था, लेकिन बाद में उनका नाम उस लिस्ट से हटा लिया गया.

ऐसा क्यों किया गया? इसके जवाब में हफ़िग्टन पोस्ट के एडिटर ने साइट पर लगी इस रिपोर्ट के नीचे एक नोट लिखा.

इस नोट के अनुसार, "सोनिया गांधी और क़तर के शेख़ हामिद बिन ख़लीफ़ा अल-थानी का नाम लिस्ट से हटाया गया. कांग्रेस नेता सोनिया गांधी का नाम इस लिस्ट में किसी थर्ड पार्टी साइट के आधार पर रखा गया था, जिसपर बाद में सवाल उठे. हमारे एडिटर सोनिया गांधी की बताई गई संपत्ति की पुष्टि नहीं कर सके, इसलिए लिंक को हटाना पड़ा. इस ग़लतफ़हमी के लिए हमें खेद है."

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